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अप्रैल, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य।चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है।यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए।इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है।चलिए जानते हैं विस्तार से -रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है।2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं।इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग को रोकने में सहयोगी होते हैं।3. प्याज़ - कैंसर रोधी का कार्य करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जो महिलाएं इसके गंध को नापसंद करती हैं कृप्या 40+ वाली महिलाएं इसे अपने भोजन में सम्मिलित करिए।4. बादाम एक टेस्टी एवं पोर्टेबल स्नैक में हार्ट - हेल्दी मोनोअनसैचुरैटेट पॉली अनसैचुरेटेड फैट होते हैं। जो एल डी एल कॉलेस्ट्राल को संतुलित करने में सहायक होते हैं। व्यायाम करने वाली महिलाओं के वजन कम करने में सहायक होते हैं।5. पालक - विटामिन ई के साथ अमीनो एसिड बीटेन, उच्च फाइबर एवं अन्य पोषक तत्व Choline जो लीवर में फैट स्टोरिंग जीन को बंद करने का कार्य करता है।6. हल्दी - इसमें एंटीआॉक्सीडेंट पाई जाती है। जो कैंसर की सूजन से रक्षा करता है।7. शहद में कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, मैगनिज जिंक जैसे मिनरल्स होते हैं जिससे मस्तिष्क खुश रहता है और स्कीन ग्लो करती है। स्कीन सेल्स में युवा निखार लाती है।8. सेब - जो महिलाएं नियमित रूप से सेब खाती हैं उनमें कोरोनरी रोगों से लड़ने की क्षमता उत्पन्न हो जाती है। परिणामस्वरूप 12से 23% रोगों का भय कम हो जाता है।9. तरबूज - आँखों के चारों ओर घबराहट उत्पन्न करने वाले पफीनेस को कम करता है।10. गाजर - गाजर में पाया जाने वाला विटामिन A बढ़ती उम्र में ग्लोइंग त्वचा के साथ आँखों की रौशनी में भी वृद्धि करता है। इसके अतिरिक्त यह बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है।बाल वनिता महिला आश्रमबीटा कैरोटीन एथेरोस्क्लेरोसिस से भी बचाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस की वजह से धमनियों में वसा और कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है और इसकी वजह से किसी की मौत भी हो सकती है। अतः गाजर का सेवन अवश्यपोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद। 🙏

केवल महिलाएं ही पढें ये थोड़ा… सीक्रेट है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब ✍️ कुछ खास आप सभी 40+ के लिख रही हूँ। आजमाइए अवश्य। चूंकि प्रश्न मैंने किया था तो उत्तर तो बनता है। यदि आपकी उम्र चालीस पार पार हो गई है और आप इस सीक्रेट को छुपाए रखना रखना चाहते हैं तो आप विशिष्ट खाद्य पदार्थों जिसे सुपर फूड कहते उसे अपने आहार में सम्मिलित करिए। इस आहर के निरंतर सेवन से आपका शरीर कैंसर के विरुद्ध रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेता है साथ झुर्रियों से मुक्ति एवं मेटाबॉलिज्म का संतुलन बना रहता है। चलिए जानते हैं विस्तार से - रैशभरी - यह कैंसर रोधी फाइटोकेमिकल्स का कार्य करता है अपितु इस टेक्सचर वाली बेरीज के प्रति एक कप में 8 ग्राम फाइबर होता है। जो कॉन्स्टिपेशन से राहत देकर पेट भरे होने का अनुभव कराता है परिणामस्वरूप अतिरिक्त भोजन खाने से बचा जा सकता है। 2. देशी अंडे - अंडे की जर्दी फेके बिना पूरे अंडे खाएं। इसमे हेल्दी फैट्स होते हैं जो आपको संपूर्ण प्रोटीन, कैल्शियम एवं विटामिन डी की पूर्ति करते हैं। जिससे पूर्णता का अनुभव कराते हैं। एवं क्रेविंग क...

बाल वनिता महिला आश्रम सामग्री :100 ग्राम रवा, 500 ग्राम मैदा, 1/2 चम्मच मीठा पीला रंग, 500 ग्राम चीनी, तलने के लिए देशी घी।विधि :गणगौर पर्व पर गणगौरी गुने बनाने के लिए सबसे पहले रवा-मैदा छान लें। आधा कप घी का मोयन लें और मीठा पीला रंग मिलाकर पूरी की तरह आटा गूंथ लें। थोड़ी बड़ा आकार की लोई लेकर चकले पर लंबी-गोल बत्ती जैसी बना लें। अब उसे चपटा करके दोनों सिरों को पानी की सहायता से गोलाकार में जोड़ दें।अब एक कड़ाही में घी गर्म करें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तल लें। अब ठंडा करें, चीनी की 2 तार की चाशनी बनाएं, गुनगुनी चाशनी में तैयार गुने डालें और उलट-पलटकर 5 मिनट चाशनी में ही रहने दें।अब चाशनी से निकाल लें और छलनी पर ठंडा होने के लिए रख दें।अगर आप गणगौरी गुने को बड़े आकार में बनाना चाहती हैं तो 2-3 राउंड में घुमाकर जलेबी का आकार देकर बनाएं। ये दिखने में और भी सुंदर लगेंगे तथा खाने में लजीज भी।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबmaterial : 100 grams rava, 500 grams maida, 1/2 teaspoon sweet yellow color, 500 grams sugar, native ghee for frying. By philanthropist Vanita Kasani Punjab, Method : To make Gangauri guna on Gangaur festival, firstly filter the rava-maida. Take half a cup of ghee and mix sweet yellow color and knead the dough like a poori. Take a slightly larger size of dough and make a long round light on the chakla. Now flatten it and add both the ends in a circle with the help of water. Now heat ghee in a pan and fry it on low heat till golden. Now cool, make 2 wire syrup of sugar, add the prepared sugar in the lukewarm syrup and keep it in the syrup in reverse for 5 minutes. Now take it out from the syrup and keep it on the sieve to cool. If you want to make Gangauri guna in big size, then make a shape of jalebi by rotating it in 2-3 rounds. They will look more beautiful in appearance and also tasty in food.

बाल वनिता महिला आश्रम सामग्री : 100 ग्राम रवा, 500 ग्राम मैदा, 1/2 चम्मच मीठा पीला रंग, 500 ग्राम चीनी, तलने के लिए देशी घी। विधि : गणगौर पर्व पर गणगौरी गुने बनाने के लिए सबसे पहले रवा-मैदा छान लें। आधा कप घी का मोयन लें और मीठा पीला रंग मिलाकर पूरी की तरह आटा गूंथ लें। थोड़ी बड़ा आकार की लोई लेकर चकले पर लंबी-गोल बत्ती जैसी बना लें। अब उसे चपटा करके दोनों सिरों को पानी की सहायता से गोलाकार में जोड़ दें। अब एक कड़ाही में घी गर्म करें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तल लें। अब ठंडा करें, चीनी की 2 तार की चाशनी बनाएं, गुनगुनी चाशनी में तैयार गुने डालें और उलट-पलटकर 5 मिनट चाशनी में ही रहने दें।अब चाशनी से निकाल लें और छलनी पर ठंडा होने के लिए रख दें। अगर आप गणगौरी गुने को बड़े आकार में बनाना चाहती हैं तो 2-3 राउंड में घुमाकर जलेबी का आकार देकर बनाएं। ये दिखने में और भी सुंदर लगेंगे तथा खाने में लजीज भी। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब material :  100 grams rava, 500 grams maida, 1/2 teaspoon sweet yellow color, 500 grams sugar, native ghee for frying.  By phi...

Sem: Charismatically Benefits Sem - By Social Worker Vanita Kasania PunjabBAL Vnita mahila ashramBeans are a type of vine, whose beans (sem phali) are used for food. Bean pod

Sem: करिश्माई ढंग से फायदा करता है सेम –   By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब BAL Vnita mahila ashram सेम एक प्रकार का लता होता है, जिसकी फलियों (sem phali) को खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। सेम के फली में बहुत सारी पौष्टकताएं होने के कारण आयुर्वेद में सेम को औषधि के रुप में इस्तेमाल की जाती है। सेम के प्रत्येक फली में 4-5 बीज होते हैं, जो अंडाकार होती हैं। सेम का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, वैसे ज़्यादातर लोग सेम की सब्जी ( sem ki sabji)  बनाकर खाते हैं।  सेम की फली को गला और पेट का दर्द, सूजन, बुखार, अल्सर जैसे अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि सेम कितने बीमारियों के लिए फायदेमंद है-   Contents  [ show] सेम क्या है? (What is Sem Phali in Hindi?) शायद आपको पता नहीं कि वर्ण के आधार पर सेम कई प्रकार की होती हैं। इसकी लता लम्बी, जमीन पर फैलने वाली  होती है। इसकी फली 3.8-5 सेमी लम्बी, 1.2-1.8 सेमी चौड़ी, हरी अथवा बैंगनी रंग की होने के साथ आगे के भाग की ओर नुकीली होती है। बीज 2-4 की संख्य...

बाल वनिता महिला आश्रम

मदिरा उत्पादन By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब किसी अन्य भाषा में पढ़ें डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें मदिरा उत्पादन  से आशय  मदिरा   ( शराब ) के उत्पादन की  प्रक्रिया  से है जो  अंगूरों  या अन्य सामग्रियों के चुनाव से शुरू होकर तैयार मदिरा को बोतलबंद करने के साथ समाप्त होती है। यद्यपि अधिकांश मदिरा अगूरों से बनायी जाती है, इसे अन्य फलों अथवा विषहीन पौध सामग्रियों से भी तैयार किया जा सकता है। मीड एक प्रकार की वाइन है जिसमें पानी के बाद शहद सबसे प्रमुख घटक होता है। अंगूर की वाइन. मदिरा उत्पादन को दो सामान्य श्रेणियों में बाँटा जा सकता है: स्टिल वाइन उत्पादन (कार्बनीकरण के बिना) और स्पार्कलिंग वाइन उत्पादन (कार्बनीकरण के साथ). मदिरा तथा वाइन उत्पादन के विज्ञान को ओनोलोजी के नाम से जाना जाता है (अमेरिकी अंग्रेजी में, एनोलोजी). प्रक्रिया संपादित करें एक अंगूर की संरचना, प्रत्येक दबाव से निकाले गए अंशों को दिखाया गया है। कटाई के बाद अंगूरों को एक वाइनरी में रखा जाता है और इन्हें शुरुआती फरमेंट (किण्वन) के लिए तैयार किया जाता है, इस स्तर पर रेड वा...

Corona graph is growing rapidly, boost immunity by consuming these 5 ayurvedic decoctionsNutrient-rich diet, exercise, yoga to boost immunity

तेजी से बढ़ रहा है कोरोना का ग्राफ, इन 5 आयुर्वेदिक काढ़ों का सेवन कर इम्यूनिटी करें बूस्ट  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, एक्सरसाइज, योग के साथ-साथ इन आयुर्वेदिक काढ़ों को शामिल करें। Image Source : FREEPIK तेजी से बढ़ रहा है कोरोना का ग्राफ, इन 5 आयुर्वेदिक काढ़ों का सेवन कर इम्यूनिटी करें बूस्ट कोरोना वायरस महामारी के मामले ऐएक बार फिर तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। डॉक्टर्स के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर पिछली से काफी अलग है। महाराष्ट्र के बाद दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में तेजी से केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि आप खुद की इम्यूनिटी बूस्ट रखें। जिससे आपको कोई भी संक्रामक बीमारी छू न पाएं।  इम्यूनिटी  को बूस्ट करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट, एक्सरसाइज, योग के साथ-साथ इन आयुर्वेदिक काढ़ों को शामिल करें। कई लोगों के मन में सवाल उठा रहा होगा कि गर्मियों के मौसम में क्या काढ़ा पीना कारगर होगा? आपको बता दें कि गर्मियों के मौसम में भी काढ़ा पिया जा सकता है। लेकिन इसे गर्म नहीं बल्कि ठंडा करके प...