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Sem: Charismatically Benefits Sem - By Social Worker Vanita Kasania PunjabBAL Vnita mahila ashramBeans are a type of vine, whose beans (sem phali) are used for food. Bean pod

Sem: करिश्माई ढंग से फायदा करता है सेम –  By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

सेम एक प्रकार का लता होता है, जिसकी फलियों (sem phali) को खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। सेम के फली में बहुत सारी पौष्टकताएं होने के कारण आयुर्वेद में सेम को औषधि के रुप में इस्तेमाल की जाती है। सेम के प्रत्येक फली में 4-5 बीज होते हैं, जो अंडाकार होती हैं। सेम का सेवन कई तरह से किया जा सकता है, वैसे ज़्यादातर लोग सेम की सब्जी (sem ki sabji) बनाकर खाते हैं। 

Sem vegetable

सेम की फली को गला और पेट का दर्द, सूजन, बुखार, अल्सर जैसे अनेक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जाता है। चलिये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं कि सेम कितने बीमारियों के लिए फायदेमंद है-

 

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सेम क्या है? (What is Sem Phali in Hindi?)

शायद आपको पता नहीं कि वर्ण के आधार पर सेम कई प्रकार की होती हैं। इसकी लता लम्बी, जमीन पर फैलने वाली  होती है। इसकी फली 3.8-5 सेमी लम्बी, 1.2-1.8 सेमी चौड़ी, हरी अथवा बैंगनी रंग की होने के साथ आगे के भाग की ओर नुकीली होती है। बीज 2-4 की संख्या में सफेद, पीली, बैंगनी अथवा काले रंग के होती है।

सेम की फली (sem ki phali) में कॉपर, आयरन,मैग्निशियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, कैल्शियम आदि अनगिनत पौष्टिकताएं होती है। सेम की सब्जी (sem ki sabji) बनाकर खाने से भी कुछ हद तक इसकी पौष्टिकताओं का फायदा मिल सकता है साथ ही बीमारियों से भी राहत मिलने में मदद मिल सकती है। सेम मधुर, थोड़ा कड़वा , गर्म तासीर होने के कारण भारी भी होता है। सेम कफ , वात और पित्त को कम करने के साथ स्पर्म काउन्ट कम करता है लेकिन ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा सेम पेट फूलना, एसिडिटी तथा विष का असर कम करने वाला होता है। चलिये सेम के बारे में विस्तार से आगे जानते हैं।

अन्य भाषाओं में सेम के नाम (Name of Sem in Different Languages)

सेम की फली का वानस्पतिक नाम : Lablabpurpureus (Linn.) Sweet (लैबलैब परपूरियस)Syn-Dolichos lablab Linn है। सेम की फली Fabaceae (फैबेसी) कुल का होता है। सेम का अंग्रेजी नाम Flat Bean (फ्लैट बीन) है। लेकिन सेम को भारत के अन्य प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है।

Sem beans in-

  • Sanskrit-निष्पाव, वल्लक, श्वेतशिम्बिका;
  • Hindi-निष्पाव, भटवासु, बल्लार, सेम;
  • Assamese-उरी (Uri), उरसी (urshi);
  • Kannadaअवरे (Avare);
  • Gujrati-ओलीया (Oliya), वाल (Val);
  • Tamil-मोचै (Motchai);
  • Teluguअनुमुलु (Anumulu);
  • Bengali-मखानसिम (Makhansim), बोरबोटी (Borboti);
  • Nepali-राजसिमी (Rajsimi);
  • Punjabi-कालालोबिया (Kalalobia), कटजंग (Katjang);
  • Marathi-पाओटे (Paote), वाल (Vaal);
  • Malayalam-अमारा (Amara)।
  • English-इजिप्शियन किडनी बीन (Egyptian kidney bean), पर्पल हयासिंथ (Purple hyacinth), बोनोविस्ट बीन  (Bonovista bean), इण्डियन बीन (Indian bean), हयासिंथ बीन (Hyacinth bean);
  • Persian-लोबिया (Lobiya)।

 

सेम के फायदे (Benefits of Sem Beans in Hindi)

 अभी तक आपने सेम के बारे में बहुत कुछ जाना। लेकिन सेम के फायदों के आधार पर आयुर्वेद में कैसे औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है, आगे इसके बारे में जानते हैं-

 

गले का दर्द दूर करे सेम की फली ( Benefit of Sem Beans in Sore Throat in Hindi)

मौसम के बदलाव के साथ गले में दर्द , सर्दी-खांसी जैसी बहुत सारी समस्याएं होने लगती है। गले के दर्द से आराम पाने में सेम की फली (sem ki fali) का ऐसे सेवन करने पर आराम मिलता है। 5-10 मिली सेम के पत्ते के रस का सेवन करने से गले का दर्द कम होता है।

और पढ़े –  गले के  रोग में  कम्पिल्लक  के फायदे By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

दस्त से दिलाये राहत सेम की फली (Sem ki Fali to Fight Diarrhoea in Hindi)

अगर खान-पान में बदलाव के कारण दस्त हो रहा है तो सेम के बीजों का काढ़ा बनाकर 10-30 मिली मात्रा में सेवन करने से उल्टी, दस्त, मूत्र संबंधी समस्या एवं पेट के दर्द से लाभ मिलता है।

पेट दर्द से दिलाये आराम सेम (Benefits of Sem Vegetable for Stomachalgia in Hindi)

अक्सर मसालेदार खाना खाने पर पेट में गैस हो जाता है जिसके कारण पेट में दर्द होने लगता है। सेम के पत्तों को पीसकर पेट पर लगाने से पेट का दर्द कम हो जाता है।

और पढ़े:    पेट दर्द में उस्तूखूदूस के फायदे By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

पेट फूलने के परेशानी से दिलाये राहत सेम (Sem Beans Beneficial in Flatulance in Hindi)

अगर अपच के कारण पेट फूलने की समस्या होती है तो उसमें सेम बहुत काम आता है। सेम के बीजों को आग में भूनकर खाने से आध्मान या पेट फूलने की समस्या में लाभ होता है।

Sem ki sabji

अल्सर में फायदेमंद सेम की फली (Sem Vegetable Benefits in Ulcer in Hindi)

 सेम की फली (sem ki phali) अल्सर का घाव सूखाने में बहुत काम आता है। राजशिम्बी के बीजों को भैंस के दूध में पीसकर शाम के समय अल्सर पर लगाना चाहिए इस तरह लगाने से अल्सर का घाव शीघ्र भर जाता है; क्योंकि शाम के समय गर्मी कम होती है।

कंडू या खुजली की परेशानी करे दूर सेम की फली (Benefits of Sem Fali to Get Relief from Scabies in Hindi)

कभी-कभी एलर्जी के कारण खुजली की समस्या होती है। सेम के पत्ते के रस को खुजली वाले जगह पर लगाने से परेशानी कम होती है।

दाद की समस्या करे दूर सेम की फली (Sem Beans Benefits in Ringworm  in Hindi)

दाद की समस्या है तो वहां सेम के पत्ते का रस लगायें। इससे दाद या रिंगवर्म जल्दी ठीक होता है।


बुखार को करे कम सेम की फली (Sem Vegetable Benefits in Fever in Hindi)

सेम बीजों का काढ़ा बनाकर 15-30 मिली काढ़े में 1 ग्राम सोंठ मिलाकर पीने से ज्वर या बुखार के लाभ होता है।

सूजन में फायदेमंद सेम की फली (Sem to Treat Inflammation in Hindi)

सेम बीजों को पीसकर सूजन वाले स्थान पर लगाने से सूजन से जल्दी आराम मिलता है।

कैंसर के इलाज में लाभकारी सेम (Sem Beneficial to Treat Cancer in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में एंटी कैंसर  गुण होने के वजह से ये कैंसर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। 

 

श्वसन विकार के इलाज में लाभकारी सेम (Benefits of Sem in Breathing Disease in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में ऐसे गुण होते हैं जो कि रेस्पिरेटरी यानी श्वसन प्रक्रिया को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।

 

पाचन को स्वस्थ बनाये रखने में मददगार सेम ( Sem Beneficial in Digestive System in Hindi)

सेम की फली पाचन संबंधी समस्याओ में भी फायदेमंद होती है विशेषरूप से डायरिया में क्योंकि रिसर्च के अनुसार सेम में एस्ट्रिंजेंट यानि कषाय का गुण होता है जो कि डायरिया जैसी समस्याओं को दूर कर पाचन को स्वस्थ्य बनाये रखने में मदद करती है। 

 

हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद सेम (Sem Beneficial for Healthy Heart in Hindi)

एक रिसर्च के अनुसार सेम में कार्डिओवस्कुलर सिस्टम को स्वस्थ बनाये रख क हृदय संबधी रोग को दूर रखने में सहायक होती है। 

सेम की फली के उपयोगी भाग (Useful Part of Sem in Hindi)

आयुर्वेद में सेम के फली, बीज तथा पत्ते का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।

sem ki phali

सेम की फली का सेवन कैसे करना चाहिए (How to Consume Sem Beans in Hindi)

बीमारी के लिए सेम के सेवन और इस्तेमाल का तरीका पहले ही बताया गया है। इसके अलावा आप सेम की सब्जी (Sem ki sabji) बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं। अगर आप किसी ख़ास बीमारी के इलाज के लिए सेम का उपयोग कर रहे हैं तो आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह ज़रूर लें। चिकित्सक के परामर्श के अनुसार-

–15-30 मिली काढ़ा

–5-10 मिली रस का प्रयोग कर सकते हैं।

सेम की फली कहां पाई और उगाई जाती है (Where Sem Beans is Found or Grown in Hindi)

समस्त भारत में इसकी खेती की जाती है तथा इसकी फलियों का प्रयोग साग के रूप में किया जाता है। 

टिप्पणियाँ

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भोजन के साथ हरी मिर्च खाने से कौनसे फायदे होते हैं? By वनिता कासनियां पंजाब दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है जिन्हें तीखा भोजन बहुत ज्यादा पसंद होता है। इसके लिए कई लोग खाने के साथ हरी मिर्च खाना पसंद करते है। कुछ लोगों का मानना होता है की हरी मिर्च खाने से पेट में एसिडिटी और जलन जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है। लेकिन मैं आपको भोजन के साथ हरी मिर्च खाने के फायदे बताने जा रहा हूँ। भोजन के साथ हरी मिर्च खाने के फायदे त्वचा में निखार बढ़ाये अगर आप नियमित रूप से भोजन के साथ हरी मिर्च का सेवन करते है। तो इससे आपकी त्वचा में निखार बढ़ेगा।और इसके अलावा त्वचा के दाग -धब्बे और पिंपल्स जल्द ही दूर हो जायेंगे। प्राकृतिक पेनकिलर आपको बता दे की हरी मिर्च को प्राकृतिक पेनकिलर के रूप में भी जाना जाता है। अगर आप भोजन के साथ इसका सेवन करते है तो आपके शरीर में होने वाले सभी प्रकार के दर्द ठीक हो जायेंगे। खून की कमी को पूरा करें अगर आप नियमित रूप से हरी मिर्च का सेवन करते है तो आपके शरीर में खून की कमी पूरी हो जायेगीं। क्योंकि हरी मिर्च में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है। और आयरन खून की कमी को दूर करने ...

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What are the benefits of Kulthi Dal?By philanthropist Vanitha Kasniya Punjabthis is kulthi dal*************There is a picture of lentils kept in my house. I consume this dal regularly.making kulthi dal

कुलथी दाल के क्या फायदे हैं? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब ये है कुल्थी दाल ************* मेरे घर में रखे हुए दाल की तस्वीर है । मैं इस दाल का नियमित तौर पर सेवन करती हूँ । कुल्थी दाल बनाने का तरीका : - कुल्थी दाल अच्छी तरह से साफ कर लीजिए इसमें कोई कंकड़ पत्थर ना हो । कड़ाही में सूखा ही भूनना है पहले इस दाल को जिसे तातल करना भी कहते हैं । जब दाल थोड़ी भूरे रंग का होने लगे भूनने की खुशबू आने लगेगी और पट पट की आवाज आने लगेगी उतारकर किसी बर्तन में ठंढा होने फैला दीजिए । अब इसे दल लेना है सिलबट्टे या मिक्सी में बिल्कुल कम समय मे सिर्फ एक बार मिक्सी चलायें दाल दल जाएगी । इसको फटककर छिलका साफ कर लें । यह दाल पानी ज्यादा सोखता है अतः अन्य दालों से थोड़ा अधिक पानी रखें । उबलते पानी में दाल डालेंगे । लहसुन की कलियां 7 से 8 , नमक , लाल मिर्च पाउडर, हल्दी , डाल दें । थोड़ा ज्यादा सिटी लगानी है । पकने में समय लगता है । दाल बन जाने पर सरसों के तेल में लहसुन और साबुत लाल मिर्च से छौंक लगा लीजिये । खाली दाल गर्म गर्म पीना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है । आप इसे चावल से खाइए वह भी बहुत अच्छा है । ...

फलाहारी स्ट्रॉबेरी हलुआ कैसे बनाते हैं? By Vnita kasnia Punjab दुग्ध-उत्पाद मुक्त (vegan) शाकाहारी पकवानसमय :—तैयारी के लिए : लगभग ५ मिनटपकाने के लिए : लगभग ५-७ मिनटकुल समय : लगभग १० मिनटसामग्री :—ताजा स्ट्रॉबेरी — २५० ग्राम (अमेरिकी पाठक : ९ आउंस)फूफू आटा (अरबी का आटा अथवा केले का आटा) — १५० ग्राम (अमेरिकी पाठक : ४.५ आउंस)यह उपलब्ध न हो तो राजगीर या सिंघाड़े का आटा भी प्रयोग कर सकते हैं।साधारण उपयोग में गेहूँ का आटा भी प्रयोग कर सकते हैं।शक्कर — ५०-७५ ग्राम स्वाद के अनुसार, स्ट्रॉबेरी यदि खट्टी हो तो शक्कर की मात्रा बढाई जा सकती है। (अमेरिकी पाठक : २ से ३ आउंस)नारियल का बूरा — ५० ग्राम । (अमेरिकी पाठक : २ आउंस)पिसी छोटी इलायची (२-३)विधि :—स्ट्रॉबेरी के दो या तीन काटकर टुकड़े कर लें। (अमेरिकी पाठकों के लिए विशेष निर्देश —१. काटने के चाकू के उपयोग के बारे में —ये बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं,हाथ कट जाए तो ख़ून निकल आता है.– राजा, वक्त (१९६५)२. स्ट्रॉबेरी का हरा भाग खाने योग्य नहीं है, उसे काट कर अलग कर दें और कृपया खाने के काम न लें।३. यह हरा भाग खेलने की वस्तु भी नहीं है, इससे श्वासमार्ग अवरुद्ध हो सकता है, अतः इन्हें सावधानीपूर्वक बच्चों की पहुँच से सुरक्षित कचरापात्र में डाल दें।)अब इसमें आटा, नारियल का बूरा और शक्कर के साथ मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह से एक सार कर लें। (अमेरिकी पाठकों के लिए विशेष निर्देश — मिक्सी में यह सब डालते समय ध्यान रखें कि मिक्सी बन्द है, मिक्सी के ढक्कन को ठीक से बन्द कर ही मिक्सी चलाएँ, और मिक्सी का ढक्कन उसे चलाना बन्द कर ही खोलें।)अब इस मिश्रण को कढाई में उडेल दें।यदि आप तापमान सेट कर सकते हैं तो १००° सेंटीग्रेड (अमेरिकी पाठकों के लिए विशेष निर्देश — २१२° फारेनहाइट) पर (गैस पर धीमी आँच रखकर) पकाईए। इस मिश्रण को लगातार चम्मच से आडोलित (स्टिर) करते रहें, जिससे इस मिश्रण में गुठलियाँ न पड़ने पाएँ। यह मिश्रण जल्दी ही गाढ़ा होने लगेगा।अब इसे आँच से उतार कर थाली में जमा लीजिए, और इस पर पिसी इलायची को भुरका दें। चाहें तो इसे सूखे मेवों से भी सजा सकते हैं। (अमेरिकी पाठकों के लिए विशेष निर्देश : इसे ११०° फारेनहाइट तक ठण्डा होने दें, उससे पूर्व इसका सेवन न करें, यह गर्म है आप जल सकते हैं। )अपने प्रिय जनो के साथ इसका आनन्द लें।इस प्रकार के अन्य रोचक उत्तर आप मेरे मञ्च पाक विधि पर पढ सकते हैं।इस लेख को उद्धृत करते हुए इस लेख के लिंक का भी विवरण दें।

फलाहारी स्ट्रॉबेरी हलुआ कैसे बनाते हैं? By Vnita kasnia Punjab दुग्ध-उत्पाद मुक्त (vegan) शाकाहारी पकवान समय  :— तैयारी के लिए : लगभग ५ मिनट पकाने के लिए : लगभग ५-७ मिनट कुल समय : लगभग १० मिनट सामग्री  :— ताजा स्ट्रॉबेरी — २५० ग्राम ( अमेरिकी पाठक : ९ आउंस ) फूफू आटा (अरबी का आटा अथवा केले का आटा) — १५० ग्राम ( अमेरिकी पाठक : ४.५ आउंस ) यह उपलब्ध न हो तो राजगीर या सिंघाड़े का आटा भी प्रयोग कर सकते हैं। साधारण उपयोग में गेहूँ का आटा भी प्रयोग कर सकते हैं। शक्कर — ५०-७५ ग्राम स्वाद के अनुसार, स्ट्रॉबेरी यदि खट्टी हो तो शक्कर की मात्रा बढाई जा सकती है। ( अमेरिकी पाठक : २ से ३ आउंस ) नारियल का बूरा — ५० ग्राम । ( अमेरिकी पाठक : २ आउंस ) पिसी छोटी इलायची (२-३) विधि :— स्ट्रॉबेरी के दो या तीन काटकर टुकड़े कर लें। ( अमेरिकी पाठकों के लिए विशेष निर्देश — १. काटने के चाकू के उपयोग के बारे में — ये बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं, हाथ कट जाए तो ख़ून निकल आता है. – राजा, वक्त (१९६५) २. स्ट्रॉबेरी का हरा भाग खाने योग्य नहीं है, उसे काट कर अलग कर दें और कृपया खाने के काम न लें। ३. यह हरा भाग ख...

पाक विधि सावन का महीना चल रहा है इस महीने में कई त्यौहार आते है इन दिनों सभी घरो में राखी की तैयारी शुरू हो गयी है राखी का त्यौहार आने वाला है। त्योहार के मोके पर सभी घरो में अलग अलग मिठाईया बनने लगती है।By वनिता कासनियां पंजाब ज्यादातर घरो में लड्डू ,खीर जैसे चीजे बनती है। लेकिन अगर आप भी राखी के मोके पर स्वीट्स में कुछ अलग बनाने की सोच रहे है तो आप खाजा ट्राई कर सकते है। ये मेदा और गुड़ से बनता है। इसे बनाना काफी सरल है तो चलिए जानते है गुड़ का खाजा बनाने की सरल रेसिपी के बारे में सामग्री - मेदा 500 ग्राम ,बेकिंग पाउडर चम्मच ,घी 4 ,चम्मच ,दूध 500 मिली ,इलायची पाउडर 1 छोटा चम्मच,नारियल 1 कप ,तेल या घी ,फ़्राय करने के लिए ,गुड़ 500 ग्राम ,पानी जरूरतानुसारबनाने की विधि - गुड़ का खाजा बनाने के लिए सबसे पहले आप एक बाउल में मेदा को छान ले और इसे अच्छी तरह से मिलाकर साइड में रख दे। अब इसमें बेकिंग पाउडर ,घी गुड़ का पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से मिला ले। अब इसमें दूध और पानी डाले इसका आटा गूथ ले। फिर इसे कुछ मिनट के लिए रख दे।अब आटे के सेट होने के बाद इसकी बराबर मात्रा में लोइया बना ले।अब लोइयों को रोटी की तरह पतला पतला बेल ले और साइड में बेल कर रख ले। अब आटे का खाजा बनाना होगा ,इसके लिए आप एक प्लेट में रोटी रखे उसके ऊपर मेदा,दही लगा ले और इसके ऊपर दूसरी रोटी रखे और रोटियों की परत बना ले।अब रोटियों की परत बनाने के बाद इन रोटियों कोफोल्ड करे और इसका रोल बना ले। फिर इस रोल को आप खाजा के शेप में काटकर बेल दे। इसके बाद एक कड़ाही में तेल गर्म करे और खाजा को डीप फ्राई करे। इसमें बाद आप गुड़ की चाशनी बना ले इसके लिए एक बर्तन में गुड़ और पानी डाले और चाशनी बना ले। चाशनी बनने के बाद खाजे को इन चाशनी में डाल दे और कुछ देर के लिए इसे ही छोड़ दे। अब कुछ देर बाद चाशनी से खाजा निकाल ले और इसे सर्व करे।

पाक विधि सावन का महीना चल रहा है इस महीने में कई त्यौहार आते है इन दिनों सभी घरो में राखी की तैयारी शुरू हो गयी है राखी का त्यौहार आने वाला है। त्योहार के मोके पर सभी घरो में अलग अलग मिठाईया बनने लगती है। By वनिता कासनियां पंजाब ज्यादातर घरो में लड्डू ,खीर जैसे चीजे बनती है। लेकिन अगर आप भी राखी के मोके पर स्वीट्स में कुछ अलग बनाने की सोच रहे है तो आप खाजा ट्राई कर सकते है। ये मेदा और गुड़ से बनता है। इसे बनाना काफी सरल है तो चलिए जानते है गुड़ का खाजा बनाने की सरल रेसिपी के बारे में सामग्री  - मेदा 500 ग्राम ,बेकिंग पाउडर चम्मच ,घी 4 ,चम्मच ,दूध 500 मिली ,इलायची पाउडर 1 छोटा चम्मच,नारियल 1 कप ,तेल या घी ,फ़्राय करने के लिए ,गुड़ 500 ग्राम ,पानी जरूरतानुसार बनाने की विधि -  गुड़ का खाजा बनाने के लिए सबसे पहले आप एक बाउल में मेदा को छान ले और इसे अच्छी तरह से मिलाकर साइड में रख दे। अब इसमें बेकिंग पाउडर ,घी गुड़ का पाउडर मिलाकर अच्छी तरह से मिला ले। अब इसमें दूध और पानी डाले इसका आटा गूथ ले। फिर इसे कुछ मिनट के लिए रख दे।अब आटे के सेट होने के बाद इसकी बराबर मात्रा में लोइ...

potato peel benefits हर घर में सब्जी बनाने के लिए आलू का इस्तेमाल अधिक तौर पर किया जाता है। लेकिन अगर आप भी सिर्फ आलू को उपयोग में लाकर छिलकों को फेंक देती है तो यह जानकारी आपके बहुत काम की हैं। क्योंकि आलू के छिलके (benefits of potato) सेहत को संवारने के साथ-साथ किचन के लिए भी इस्तेमाल करके आप इसका लाभ ले सकते हैं। By वनिता कासनियां पंजाब :जानिए यहां आलू के छिलकों (aalu chhilke) के बारे में खास ट्रिक्स-1. कुरकुरा स्नैक बनाएं- आप आलू के छिलकों से किचन की कढ़ाई या कुकर चमकाने से लेकर खाने की कई सामग्री बनाकर इसे उपयोग में ले सकती हैं। जैसे- एक कप आलू के छिलके में चुटकी भर नमक मिलाकर मिक्सी में दरदरा पीस लें और तैयार आलू क्रम्ब्स को ब्रेड क्रम्ब्स की जगह स्नैक्स बनाने के घोल इस्तेमाल करें तथा डिप करके कुरकुरा स्वादिष्ट स्नैक्स बना कर खाने के काम में लाएं।2. बर्तन चमकाएं- गंदे हो रहे किचन के बर्तनों को चमकाने के लिए आलू के छिलके का उपयोग करें। अगर आपके घर में भी रोजमर्रा काम में आने वाली लोहे की कढ़ाई, तवा या पैन आदि को साफ करने के लिए एक कप आलू के छिलके, दो चम्मच वेजिटेबल ऑयल और एक कप पानी मिलाकर चुटकी भर नमक डालकर गंदे बर्तन को उबाल लें और आलू के छिलके और स्क्रब से बर्तन को साफ करके अच्छे से धो लें।3. ब्लड प्रेशर : आलू में भरपूर मात्रा में पोटेशियम पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में हमारी मदद करता है।4. बल : आलू के छिलके में भरपूर मात्रा में विटामिन बी3 पाया जाता है, जो कि शरीर को बल या ताकत देने का काम करता है।5. फाइबर : हमारी डाइट में फाइबर की कुछ मात्रा जरूर शामिल होना चाहिए और आलू के छिलके में अच्छी मात्रा में फाइबर्स होते हैं। ये डाइजेस्ट‍िव सिस्टम को भी बूस्ट करने का काम करते हैं। छिलकों के साथ आलू का सेवन आपको फाइबर भी देता है और आपको पाचन संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। ये आपके पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।6. पोषक तत्व : अगर आप छिलकों के साथ आलू की सब्जी बनाते हैं तो इसका स्वाद तो बढ़ता ही है, आपको अतिरिक्त पोषण भी मिलता है, क्योंकि इनके छिलकों में पोषक तत्व होते हैं।7. लाजवाब कुरकुरे वेजेज : एक-दो कप आलू के छिलके लेकर धोकर सुखा लें। अब एक बेकिंग ट्रे में फैलाकर ऊपर से तेल लगाएं। काली मिर्च एवं लाल मिर्च पाउडर तथा स्वादानुसार नमक बुरका कर अच्छी तरह से हाथों से मिक्स कर लें। अब इन्हें गरम तेल में शैलो या डीप फ्राई कर लें और तैयार लाजवाब वेजेज या क्रिस्प्स का चाय के साथ आनंद उठाएं।8. मेटाबॉलिज्म : आलू के छिलके मेटाबॉलिज्म को भी सही रखने में मददगार होते है। इन्हें खाने से नर्व्स को मजबूती मिलती है।9. एनीमिया : आलू के छिलके में आयरन भी भरपूर मात्रा में होता है जिससे एनीमिया होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। यह शरीर में आयरन की कमी को भी पूरा करता है और एनीमिया से भी बचाता है।10. निखारें सेहत और सौंदर्य : आलू और आलू का छिलका किचन में उपयोगी होने के साथ-साथ सिर्फ सेहत ही नहीं सौंदर्य निखारने के लिए भी काम आते हैं, आलू का छिलका त्वचा पर रगड़ने से ये जहां त्वचा को झुर्रियों और दाग धब्बों से बचाते हैं, वहीं बालों को मजबूती देने के काम भी आता है। Potato uses

potato peel benefits हर घर में सब्जी बनाने के लिए आलू का इस्तेमाल अधिक तौर पर किया जाता है। लेकिन अगर आप भी सिर्फ आलू को उपयोग में लाकर छिलकों को फेंक देती है तो यह जानकारी आपके बहुत काम की हैं। क्योंकि आलू के छिलके (benefits of potato) सेहत को संवारने के साथ-साथ किचन के लिए भी इस्तेमाल करके आप इसका लाभ ले सकते हैं। By वनिता कासनियां पंजाब  : जानिए यहां आलू के छिलकों (aalu chhilke) के बारे में खास ट्रिक्स- 1. कुरकुरा स्नैक बनाएं-  आप आलू के छिलकों से किचन की कढ़ाई या कुकर चमकाने से लेकर खाने की कई सामग्री बनाकर इसे उपयोग में ले सकती हैं। जैसे- एक कप आलू के छिलके में चुटकी भर नमक मिलाकर मिक्सी में दरदरा पीस लें और तैयार आलू क्रम्ब्स को ब्रेड क्रम्ब्स की जगह स्नैक्स बनाने के घोल इस्तेमाल करें तथा डिप करके कुरकुरा स्वादिष्ट स्नैक्स बना कर खाने के काम में लाएं। 2. बर्तन चमकाएं-  गंदे हो रहे किचन के बर्तनों को चमकाने के लिए आलू के छिलके का उपयोग करें। अगर आपके घर में भी रोजमर्रा काम में आने वाली लोहे की कढ़ाई, तवा या पैन आदि को साफ करने के लिए एक कप आलू के छिलके, द...

पास्ता पिज्जा बनाने की विधि – Pasta Pizza Recipe in Hindi By Vnita Kasnia Punjab पास्ता पिज्जा कैसे बनाएँPasta Pizza Recipe in HindiPasta Pizza Recipe in Hindiपास्ता पिज्जा बनाने की सामग्री1 कटोरी पास्ता3 बङे चम्मच दहीएक चौथाई चम्मच गर्म मसाला1 चम्मच यीस्ट4 चम्मच पिज्जा साॅसआधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर1 चम्मच नमकआधा चम्मच निंबूएक चौथाई चम्मच हल्दीडेढ़ चम्मच अदरक और लहसून का पेस्ट150 ग्राम मैदा1 चम्मच चीनी2 चम्मच तेल1 कटोरी चीजआधी लाल शिमला मिर्च बारीक कटी हुईआधी हरी शिमला मिर्च बारीक कटी हुईपास्ता पिज्जा बनाने की विधिसबसे पहले हम एक बर्तन लेंगे और उसमें आधा कप पानी डाल देंगे। पानी डालने के बाद हम बर्तन के अंदर आधा चम्मच चीनी, राईइस्ट और नमक डाल देंगे।चीनी और नमक को अच्छे से मिक्स करने के 2 मिनट बाद हम इसमें मैदा डाल देंगे।मैदे में तेल डालकर हम इसे अच्छे से मिक्स कर देंगे।फिर हम मैदे में थोङा-थोङा गुनगुना पानी डालकर इसे गूंथ लेंगे।आटे को हम कङा नहीं रखेंगे। हम इसे मुलायम ही रखेंगे।आटा गूंथने के बाद हम आटे को एक घंटे के लिए कपङे से ढककर रख देंगे। अगर सर्दी का मौसम है तो हम इसे 2-3 घंटे ढ़ककर रखेंगे।जब तक आटा आराम कर रहा है तब एक हम पास्ता को उबाल लेंगे।पास्ता को उबालने के लिए हम एक कङाही लेंगे और उसमें 1 लीटर पानी डाल देंगे।जब पानी उबल जाएगा तब हम पानी में पास्ता और आधा चम्मच नमक डाल देंगे। पास्ता को उबलने में 13-14 मिनट लगेंगे।13-14 मिनट बाद पास्ता अच्छे से उबल जाएंगे। फिर हम पास्ता को पानी से निकाल कर एक अलग बर्तन में निकाल लेंगें।पास्ता के अंदर हम दही, अदरक लहसून का पेस्ट, लाल मिर्च पाउउर, हल्दी पाउडर, थोङा नमक, गर्म मसाला और नींबू का रस डाल देंगे।अब हम इन सभी चीजों को अच्छे से मिक्स कर देंगे।जब तक हम पास्ता का मिश्रण तैयार करेंगे तब तक हमारा मैदे का आटा तैयार हो चुका होगा।उसमें अच्छी तरह जाली बन जाएगी और वह पहले से दुगुना से भी ज्यादा हो जाएगा। क्योंकि पिज्जा में राईइस्ट डलती है जिससे वह दुगुना हो जाता है और वह स्पंज भी करने लगता है।अब हम पिज्जा को एक प्लेट में निकालेंगे और उस पर तेल लगाकर उसे और चिकना करेंगे।Pasta Pizza Recipe in Hindiमिश्रण को चिकना करने के बाद हम एक जाली लेंगे और उस पर आटे को अपने हाथों से फैला देंगे।जाली पर मिश्रण को फैलाने के लिए हमें बेलन की जरूरत नहीं पङेगी क्योंकि पिज्जा आटा बहुत ज्यादा मुलायम और चिकना होता है। वह हाथों से फैल जाता है।मिश्रण को जाली पर फैलाने के बाद हम इस पर दो चम्मच पिज्जा साॅस डाल देंगे।पिज्जा साॅस डालने के बाद हम पिज्जा पर पास्ता वाला मिश्रण डालेंगे।पिज्जा पर पास्ता आप डिजाइनदार स्टाइल में लगाएँ। आप पिज्जा पर पास्ता से फूल भी बना सकते है।फिर हम पिज्जा पर चीज लगा देंगे। आप यहाँ कोई भी ब्रांड की चीज उपयोग में ले सकते है।चीज लगाने के बाद हम पिज्जा पर हरी व लाल शिमला मिर्च डाल देंगे। आप यहाँ अपनी पसंद की कोई भी सब्जी का प्रयोग कर सकते है।सभी चीजों को लगाने के बाद हम इसे ओवन में रख देंगे।ओवन को हम पहले थोङा गर्म कर लेंगे और बाद हम पिज्जा को 180 डिग्री तापमान पर 15 मिनट के लिए पकने के लिए रख देंगे।15 मिनट बाद हम चेक करेंगे कि पिज्जा तैयार हुआ है या नहीं। इसके लिए हम एक कांटा लेंगे और उसे पिज्जा के चुभोकर वापिस बाहर निकाल लेंगे। अगर कांटे पर पिज्जा का मिश्रण लग गया तो पिज्जा तक कच्चा है। अगर पिज्जा कच्चा हो तो आप उसे और सेक लें।परन्तु 15 मिनट बाद पिज्जा बिल्कुल अच्छी तरह पक जाता है।15 मिनट बाद हम पिज्जा को ओवन से निकाल लेंगे और उसे ब्लेड या चाकू से काट लेंगे।हमारा टेस्टी पिज्जा बिल्कुल तैयार है।आप इस रेसिपी को जरूर ट्राई करें।इन बातों का रखें ध्यानपिज्जा के लिए आटा गूंथते समय इस बात का ध्यान रखें कि पानी गुनगुना होना चाहिए और आटा हमें कङा नहीं गूंथना है।पिज्जा को ओवन से निकालते समय अपने हाथों पर ग्लब जरूर पहनें।

पास्ता पिज्जा बनाने की विधि – Pasta Pizza Recipe in Hindi By Vnita Kasnia Punjab पास्ता पिज्जा कैसे बनाएँ Pasta Pizza Recipe in Hindi पास्ता पिज्जा बनाने की सामग्री 1 कटोरी पास्ता 3 बङे चम्मच दही एक चौथाई चम्मच गर्म मसाला 1 चम्मच यीस्ट 4 चम्मच पिज्जा साॅस आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर 1 चम्मच नमक आधा चम्मच निंबू एक चौथाई चम्मच हल्दी डेढ़ चम्मच अदरक और लहसून का पेस्ट 150 ग्राम मैदा 1 चम्मच चीनी 2 चम्मच तेल 1 कटोरी चीज आधी लाल शिमला मिर्च बारीक कटी हुई आधी हरी शिमला मिर्च बारीक कटी हुई पास्ता पिज्जा बनाने की विधि सबसे पहले हम एक बर्तन लेंगे और उसमें आधा कप पानी डाल देंगे। पानी डालने के बाद हम बर्तन के अंदर आधा चम्मच चीनी, राईइस्ट और नमक डाल देंगे। चीनी और नमक को अच्छे से मिक्स करने के 2 मिनट बाद हम इसमें मैदा डाल देंगे। मैदे में तेल डालकर हम इसे अच्छे से मिक्स कर देंगे। फिर हम मैदे में थोङा-थोङा गुनगुना पानी डालकर इसे गूंथ लेंगे। आटे को हम कङा नहीं रखेंगे। हम इसे मुलायम ही रखेंगे। आटा गूंथने के बाद हम आटे को एक घंटे के लिए कपङे से ढककर रख देंगे। अगर सर्दी का मौसम है तो हम इसे 2-3 घंटे ढ़ककर रख...

मूंग की दाल को जब कुकर में बनाया जाता है तो बड़े बुजुर्ग ये क्यों कहते हैं दाल उबली है पर बनी नहीं इसको धीमी आंच पर बिना ढक्क्न के कुछ देर ओर रखो? By वनिता कासनियां पंजाब मेरी एक फ्रेंड नौकरी करती है। बाकी काम तो घर के लोग कर लेते हैं परन्तु रात की दाल और सब्जी उसे बनाना रहता है। सभी को समय पर खाना चाहिए होता है। वह भी एक तरफ दाल को कुकर में नमक और हल्दी मिलाकर उबालने रख लेती है और दूसरी तरफ छोंक बना देती है और दाल में मिला देती है। दाल की शक्ल तो सही होती है परन्तु जब सब लोग खाने बैठते हैं तो कोई कहता नहीं है परन्तु उसे खुद भी दाल भाती नहीं। दाल में बढ़िया स्वाद नहीं आता।ज्यादा तर गृहणियां यही करती है। परन्तु दाल तो ऐसी होनी चाहिए कि सब उसे बस खा ही लेना चाहते हों। आइए जानते हैं इसी दाल को हम कैसे स्वादिष्ट बना सकते हैं।स्टेप १ : कुकर का काम तो सिर्फ दाल को गलाना है। कूकर में पहले दाल को नमक हल्दी के साथ गला लें।स्टेप २ : कड़ाई में छोंक बना लें और दाल को कड़ाई में डालें। ( दाल को घी में छोंके तो ज्यादा अच्छी बनेगी। अगर कम भी घी लेना है तो कोई बात नहीं परन्तु देसी घी में ज्यादा स्वादिष्ट बनती है )स्टेप ३: छोंक के बाद भी ५ से १० मिनट तक छोंक में उबलनें दें। इससे छोंक का स्वाद पूरी दाल में आ जायगा।स्टेप ४ : अगर गैस बंद कर निम्बू का थोड़ा रस मिला दें तो और बढ़िया लगेगी। परोसते समय धनिया और राई-जीरे, लाल मिर्च के छोंक से सजावट भी अच्छी लगेगी और खुशबू से खाने की टेम्पटेशन भी बढ़ जायगी।

मूंग की दाल को जब कुकर में बनाया जाता है तो बड़े बुजुर्ग ये क्यों कहते हैं दाल उबली है पर बनी नहीं इसको धीमी आंच पर बिना ढक्क्न के कुछ देर ओर रखो? By वनिता कासनियां पंजाब मेरी एक फ्रेंड नौकरी करती है। बाकी काम तो घर के लोग कर लेते हैं परन्तु रात की दाल और सब्जी उसे बनाना रहता है। सभी को समय पर खाना चाहिए होता है। वह भी एक तरफ दाल को कुकर में नमक और हल्दी मिलाकर उबालने रख लेती है और दूसरी तरफ छोंक बना देती है और दाल में मिला देती है। दाल की शक्ल तो सही होती है परन्तु जब सब लोग खाने बैठते हैं तो कोई कहता नहीं है परन्तु उसे खुद भी दाल भाती नहीं। दाल में बढ़िया स्वाद नहीं आता। ज्यादा तर गृहणियां यही करती है। परन्तु दाल तो ऐसी होनी चाहिए कि सब उसे बस खा ही लेना चाहते हों। आइए जानते हैं इसी दाल को हम कैसे स्वादिष्ट बना सकते हैं। स्टेप १ : कुकर का काम तो सिर्फ दाल को गलाना है। कूकर में पहले दाल को नमक हल्दी के साथ गला लें। स्टेप २ : कड़ाई में छोंक बना लें और दाल को कड़ाई में डालें। ( दाल को घी में छोंके तो ज्यादा अच्छी बनेगी। अगर कम भी घी लेना है तो कोई बात नहीं परन्तु देसी घी में ज्यादा स्वादिष्...

Jalebi recipe - Jalebi Banane ki Vidhi By social worker Vanita Kasani Punjab On hearing the name of Jalebi, mouth watering comes, the famous street food of entire India, Jalebi has some place of curd and some places.

जलेबी बनाने की विधि – Jalebi Banane ki Vidhi By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब जलेबी का नाम सुनते ही तो मुंह में पानी आ जाता हैं, सम्पूर्ण भारत का प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड जलेबी को कुछ जगह दही और कुछ जगह पर रबड़ी के साथ खाया जाता है, कुछ भी कहो ऐसा कोई नहीं मिलेगा जिसे रस भरी कुरकुरी जलेबी पसंद न हो। सप्ताहांत पर कुछ खास करने की सोच रहे है? तो आप एक बार जलेबी बनाकर जरूर देखे। यह हमेशा से ऐसी मिठाई हैं जो लोगों के मन को लुभाती रही है, गुजरात में तो जलेबी फाफड़ा और उत्तर भारत में जलेबी समोसा की जोड़ी बहुत लोकप्रिय नाश्ता है। स्वाद में बदलाव के लिये जलेबी को दूध या खीर के साथ या कभी-कभी आइसक्रीम के साथ खाकर देखिये इस नए स्वाद को आप भूल नहीं पाएंगे। उत्तर और पश्चिमी भारत में इसे जलेबी कहा जाता है वहीं महाराष्ट्र में इसको जिलबी कहते हैं और बंगाल में इसका उच्चारण जिलपी करते हैं। कुछ जगहों पर जलेबी को गैलरी बोला जाता है। जलेबी को ज्यादातर मैदे के साथ बनाया जाता है सूजी अथवा बेसन से बनी जलेबी भी स्वादिष्ट लगती हैं। जलेबी बनाने के लिये पहले बेटर को कम गहरी कढ़ाई में घी गर्म करके गोल सर्पाकार रूप में तला...