What are the benefits of Kulthi Dal?By philanthropist Vanitha Kasniya Punjabthis is kulthi dal*************There is a picture of lentils kept in my house. I consume this dal regularly.making kulthi dal
ये है कुल्थी दाल
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मेरे घर में रखे हुए दाल की तस्वीर है । मैं इस दाल का नियमित तौर पर सेवन करती हूँ ।
कुल्थी दाल बनाने का तरीका : -
कुल्थी दाल अच्छी तरह से साफ कर लीजिए इसमें कोई कंकड़ पत्थर ना हो ।
कड़ाही में सूखा ही भूनना है पहले इस दाल को जिसे तातल करना भी कहते हैं । जब दाल थोड़ी भूरे रंग का होने लगे भूनने की खुशबू आने लगेगी और पट पट की आवाज आने लगेगी उतारकर किसी बर्तन में ठंढा होने फैला दीजिए ।
अब इसे दल लेना है सिलबट्टे या मिक्सी में बिल्कुल कम समय मे सिर्फ एक बार मिक्सी चलायें दाल दल जाएगी । इसको फटककर छिलका साफ कर लें ।
यह दाल पानी ज्यादा सोखता है अतः अन्य दालों से थोड़ा अधिक पानी रखें । उबलते पानी में दाल डालेंगे । लहसुन की कलियां 7 से 8 , नमक , लाल मिर्च पाउडर, हल्दी , डाल दें । थोड़ा ज्यादा सिटी लगानी है । पकने में समय लगता है ।
दाल बन जाने पर सरसों के तेल में लहसुन और साबुत लाल मिर्च से छौंक लगा लीजिये । खाली दाल गर्म गर्म पीना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है ।
आप इसे चावल से खाइए वह भी बहुत अच्छा है ।
बाल वनिता महिला आश्रम
कुल्थी दाल के लाभ : -
- कुल्थी के दाल में पथरी को भी गलाने की ताकत होती है । डॉक्टर पथरी होने पर इस दाल का पानी पीने की सलाह देते हैं ।
- हमारे शरीर में यदि पथरी हो जाता है तो इस दाल का सेवन अवश्य करना चाहिए । भयत ही कम समय में यह पथरी को गलाकर शरीर से बाहर कर देती है ।
- बॉडी डिटॉक्स अच्छी तरह से होती है ।
- यह दाल खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होती है । 15 दिन में एक बार अवश्य ही इसका उपयोग करना चाहिए ।
- किसी भी किराने के दुकान से यह आसानी से मिल जाएगी और अब तो आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर भी यह दाल मिलने लगी है वहाँ कीमत थोड़ी ज्यादा है लोग दवा के तौर पर इस्तेमाल करते हैं ।
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